18 को मिला सचिवालय जाने का अनुमति-पत्र
हावड़ा, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले से प्रभावित ‘योग्य’ बेरोज़गार शिक्षक-शिक्षिकाओं के नवान्न अभियान को लेकर सोमवार को हावड़ा में तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला। मल्लिक फाटक पर पुलिस द्वारा रैली को रोकने के प्रयास के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प और धक्का-मुक्की हुई। हालात के मद्देनज़र प्रशासन ने बाद में 18 प्रदर्शनकारियों को मुख्य सचिव से बातचीत के लिए नवान्न जाने की अनुमति दे दी।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों की मांग है कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सीधी बातचीत का अवसर दिया जाए। इसी उद्देश्य से उन्होंने इस आंदोलन की योजना बनाई थी। हालांकि, प्रशासन की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि मुख्यमंत्री से सीधे मुलाकात संभव नहीं है। इसके बावजूद शिक्षकों ने रैली निकालने का फैसला लिया और नवान्न मार्च का आह्वान किया।
नवान्न अभियान को लेकर प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम किए थे। बंगवासी मोड़, रामकृष्णपुर घाट गेट, काज़ीपाड़ा मोड़ और सांतरागाछी मोड़ जैसे शहर के प्रमुख चौराहों पर लोहे के बैरिकेड्स लगाए गए। नवान्न के आसपास के क्षेत्रों—शिबपुर, मंदिरतला और बेलेपोल—में छोटे गार्डरेल और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर मुख्य बिंदु पर 25 हाई-रेजोल्यूशन कैमरे और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है। साथ ही, दो वाटर कैनन भी स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। लगभग दो हजार अतिरिक्त पुलिसकर्मी विभिन्न कमिश्नरेट से बुलाए गए हैं।
रैली को रोकने के दौरान पुलिसकर्मी माइक से बार-बार नियम न तोड़ने की अपील कर रहे थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिससे झड़प की नौबत आ गई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। अंततः स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने 18 प्रतिनिधियों को सचिवालय भेजने की अनुमति दी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल में लगभग 26 हजार शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नौकरी रद्द कर दी गई थी। कोर्ट ने नए सिरे से परीक्षा लेने और योग्यता के आधार पर बहाली की बात कही थी। आयोग ने मई के अंत में परीक्षा की नई अधिसूचना भी जारी की, लेकिन उसे चुनौती देते हुए ‘अयोग्य’ उम्मीदवारों को परीक्षा से बाहर रखने की मांग को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को एसएससी और राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी, लेकिन राहत नहीं मिली।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
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