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बच्चों के स्वास्थ्य मानकों के सुधार में हर घर जल की बड़ी भूमिका : नोबेल विजेता प्रो. क्रेमर

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– मप्र में जल जीवन मिशन की उपलब्धियों पर प्रो. क्रेमर ने जताया संतोष, कहा- सुरक्षित जल से शिशु मृत्यु दर को 20 फीसदी तक किया जा सकता है कम

भोपाल, 05 सितम्बर (Udaipur Kiran) । अमेरिकी विकास अर्थशास्त्री नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. माइकल रॉबर्ट क्रेमर ने कहा कि उनके अध्ययन का एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह है कि यदि परिवारों को पीने के लिए सुरक्षित जल उपलब्ध कराया जाए तो शिशु मृत्यु दर को लगभग 20 फीसदी तक कम किया जा सकता है। नवजात शिशु, जल जनित बीमारियों के प्रति संवेदनशील होते हैं और उनके शोध के दौरान किए गए सर्वेक्षण से यह निष्कर्ष निकला है कि बच्चों से संबंधित हर चार में से एक मृत्यु सुरक्षित जल उपलब्ध कराकर रोकी जा सकती है। उन्होंने बताया कि ‘हर घर जल’ कार्यक्रम, खासकर बच्चों के स्वास्थ्य मानकों में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. क्रेमर शुक्रवार को मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान भोपाल स्थित मंत्रालय में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश की विकास पहलों को और अधिक प्रभावी बनाने और साक्ष्य-आधारित विकास रणनीतियों पर चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन भी मौजूद थे। बैठक में स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और जल क्षेत्रों में साक्ष्य-आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से, राज्य की विकास पहलों को और अधिक मज़बूत करने पर विचार-विमर्श हुआ।

प्रो. माइकल क्रेमर अमेरिकी विकास अर्थशास्त्री हैं, जिन्हें वैश्विक गरीबी उन्मूलन के उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए वर्ष 2019 में अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो के साथ संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। भोपाल में बैठक के दौरान प्रो. क्रेमर ने नवीन प्रयोगात्मक पद्धतियों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जो शोधकर्ताओं, भारतीय सरकारी संस्थाओं, निजी फर्मों और गैर-लाभकारी संगठनों को एक साथ लाकर लाखों लोगों को लाभ पहुँचाने की क्षमता वाले तौर-तरीकों की पहचान, परीक्षण और परिशोधन प्रदान करती है।

प्रो.क्रेमर ने कहा कि विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने से पहले कठोर परीक्षण जरूरी है। उन्होंने मध्य प्रदेश की इस पहल पर प्रसन्नता जाहिर की कि जल जीवन मिशन द्वारा ग्रामीण घरों में जल उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि जल निर्धारित गुणवत्ता का हो। प्रो. क्रेमर ने अधिकारियों के पेयजल, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित विविध प्रश्नों के उत्तर एवं आवश्यक सुझाव भी दिए।

एविडेंस एक्शन संस्था के कंट्री डायरेक्टर अंकुर गर्ग ने भारत में ‘एविडेंस एक्शन’ के किए गए कार्यों का विस्तृत प्रेजेन्टेशन दिया। उन्होंने बताया कि संस्था, प्रमाणित शोधों को कैसे बड़े पैमाने पर प्रभावी कार्यक्रमों में परिवर्तित करती है। गर्ग ने प्रदेश सरकार को विशेष रूप से स्वास्थ्य और जल संबंधी क्षेत्रों में, संस्था द्वारा दिए जा रहे निरंतर सहयोग की जानकारी भी साझा की।

बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव दीपाली रस्तोगी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव, स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. संजय गोयल, कृषि सचिव निशांत वरवड़े, महिला एवं बाल विकास सचिव जी.वी. रश्मि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव जैन से डेवलेपमेंट इनोवेशन लैब के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने की भेंट

मुख्य सचिव अनुराग जैन से शिकागो विश्वविद्यालय के डेवलेपमेंट इनोवेशन लैब और वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था एविडेंस एक्शन के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्य सचिव जैन ने प्रतिनिधिमंडल के साथ समसामयिक विषयों पर सार्थक चर्चा की और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों से अवगत कराया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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