28 मई 2025 को सर्राफा बाजार (Bullion Market) में सोने और चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय कमी देखी गई, जिसने निवेशकों और खरीदारों का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह बदलाव न केवल भारत के घरेलू बाजारों, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से भी प्रभावित है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि सोने-चांदी की कीमतों में इस गिरावट के पीछे क्या कारण हैं, और इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ सकता है।
सोने की कीमतों में क्यों आई कमी?बुधवार को 24 Carat Gold की कीमत में 660 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद यह 97,600 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, 22 Carat Gold का रेट 89,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इस गिरावट का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग में कमी है। Brussels में European Union और United States के बीच व्यापारिक वार्ताओं (Trade Negotiations) में तेजी के चलते निवेशकों का रुझान सुरक्षित संपत्ति (Safe Haven Asset) जैसे सोने से हटकर अन्य निवेश विकल्पों की ओर बढ़ा है। वैश्विक बाजार में सोने की कीमत 3,350 Dollar Per Ounce से घटकर 3,296.92 Dollar Per Ounce पर आ गई, जो इस बदलाव का स्पष्ट संकेत है।
घरेलू बाजार में भी Dollar-Rupee Exchange Rate के उतार-चढ़ाव ने सोने की कीमतों को प्रभावित किया। United States द्वारा European Union Tariffs की समय सीमा बढ़ाने के फैसले ने भी निवेशकों के बीच अनिश्चितता को कम किया, जिससे सोने की मांग पर दबाव पड़ा। Multi Commodity Exchange (MCX) पर भी सोने की कीमतों में गिरावट का रुख देखा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में सोने की कीमतें 94,500 रुपये से 96,750 रुपये के बीच रह सकती हैं।
देश के प्रमुख शहरों में सोने का भावभारत के प्रमुख शहरों में भी सोने की कीमतों में कमी देखी गई। Delhi में 22 Carat Gold की कीमत 600 रुपये गिरकर 89,500 रुपये प्रति 10 ग्राम और 24 Carat Gold 650 रुपये सस्ता होकर 97,630 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। दूसरी ओर, Mumbai में 22 Carat Gold 89,350 रुपये और 24 Carat Gold 97,480 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। दोनों शहरों में 660 रुपये तक की गिरावट ने खरीदारों के लिए नई संभावनाएं खोल दी हैं। यह उन लोगों के लिए सुनहरा अवसर हो सकता है, जो शादी-विवाह या निवेश के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं।
चांदी की चमक भी हुई फीकीसोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी स्थिरता देखी गई। 28 मई 2025 को Silver Rate 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर रहा। हालांकि, वैश्विक और घरेलू बाजारों में मांग की कमी के कारण चांदी की कीमतों में भी उछाल की उम्मीद कम है। यह स्थिति उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो चांदी में निवेश या उसका उपयोग गहनों के लिए करना चाहते हैं।
क्या है भविष्य की संभावना?विशेषज्ञों का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions) में कमी और वैश्विक व्यापारिक समझौतों में प्रगति के कारण सोने और चांदी की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे बाजार के रुझानों पर नजर रखें और सोने-चांदी में निवेश से पहले विशेषज्ञों से सलाह लें। Multi Commodity Exchange (MCX) के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि आने वाले समय में कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है।
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