दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला परिसर में एक सनसनीखेज चोरी ने सबको चौंका दिया है। यहां से एक करोड़ रुपये की कीमत का सोने और हीरे से जड़ा एक अनमोल कलश चोरी हो गया। यह घटना जैन धर्म के एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान हुई, जिससे आयोजकों और श्रद्धालुओं में खलबली मच गई। दिल्ली पुलिस ने संदिग्ध की पहचान कर ली है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।
अनमोल कलश की चोरी, कैसे हुआ ये हादसा?चोरी हुआ यह कलश कोई साधारण वस्तु नहीं था। यह 760 ग्राम शुद्ध सोने से बना था, जिसमें 150 ग्राम के बेशकीमती हीरे, माणिक और पन्ना जड़े हुए थे। बताया जाता है कि व्यवसायी सुधीर जैन इस कलश को रोजाना पूजा के लिए लाल किला परिसर में लाते थे। मंगलवार को एक भव्य धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी शामिल हुए थे। स्वागत समारोह की भीड़भाड़ के बीच अचानक यह कीमती कलश मंच से गायब हो गया। इस घटना ने सभी को हैरान कर दिया और वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, संदिग्ध की पहचानदिल्ली पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार, लाल किला परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में संदिग्ध की हरकतें रिकॉर्ड हो गई हैं। इन फुटेज की मदद से पुलिस ने संदिग्ध की पहचान कर ली है और अब उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा। लेकिन इस घटना ने लाल किला जैसे महत्वपूर्ण स्थान की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद इतनी बड़ी चोरी कैसे हो गई?
सुरक्षा पर सवाल, भविष्य में क्या होगा?इस घटना ने न केवल धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि लाल किला जैसे राष्ट्रीय धरोहर स्थल की सुरक्षा व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। लोग अब ये सवाल पूछ रहे हैं कि अगर इतने बड़े आयोजन में इतनी आसानी से चोरी हो सकती है, तो आम दिनों में सुरक्षा का क्या हाल होगा? पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले की तह तक जाकर दोषी को सजा दी जाएगी। लेकिन इस घटना ने श्रद्धालुओं और आयोजकों के मन में डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।
You may also like
सितंबर 2025 में Bank Holidays: जानें आपके शहर की शाखाएँ खुलेंगी या बंद?
AIBE 20 Notification 2025: परीक्षा तिथियां, पंजीकरण और पात्रता जानें
भारत-जापान समझौता और अमेरिकी टैरिफ को कम कराना इशिबा की उपलब्धि, इस्तीफे के बाद क्या बदलेगा समीकरण?
'राष्ट्र प्रथम' की भावना से भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें : राष्ट्रपति मुर्मू
उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की होगी जीत : रामदास आठवले