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मदरसे में भी राष्ट्र गीत गाना अनिवार्य होगा : डॉ जयपाल सिंह व्यस्त

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अमरोहा के एक स्कूल में राष्ट्र गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित सामूहिक गान कार्यक्रम में शिक्षक नेता और एमएलसी डॉक्टर जयपाल सिंह व्यस्त मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ को अनिवार्य करने की घोषणा का पुरजोर स्वागत किया। इस मौके पर भाजपा नेता डॉ. व्यस्त ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि सरकार की मंशा है कि आज की युवा पीढ़ी ‘वंदे मातरम’ से जुड़ा गौरवशाली इतिहास जान सके। सबसे बड़ी बात, उन्होंने साफ कर दिया कि मदरसों में भी अब छात्रों को राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य होगा।

कार्यक्रम में डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने मंच से जोर देकर कहा कि ‘वंदे मातरम’ सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा है। यह गान हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की ज्वाला जगाता है। मुख्यमंत्री की इस पहल से स्कूल, कॉलेज और अब मदरसों तक में बच्चे इस गीत को गाएंगे और इसके पीछे का इतिहास समझेंगे। उन्होंने बताया कि यह गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था और स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का नारा बन गया था। डॉ. व्यस्त ने कहा कि आज की पीढ़ी को यह जानना जरूरी है कि ‘वंदे मातरम’ ने कैसे अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी।

कांग्रेस पर तीखा हमला

एमएलसी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि कुछ लोग देशभक्ति के नाम पर सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा ‘वंदे मातरम’ को लेकर दोहरा चरित्र अपनाया। कभी इसे राष्ट्रगान बनाने की बात की, कभी विरोध किया। डॉ. व्यस्त ने कहा कि भाजपा सरकार देश की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत कर रही है, जबकि विपक्ष सिर्फ भ्रम फैला रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग ‘वंदे मातरम’ का विरोध करेंगे, वे देश की एकता के खिलाफ हैं।

मदरसों में भी गूंजेगा राष्ट्रगीत

सबसे सनसनीखेज बयान मदरसों को लेकर आया। डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने साफ कहा कि प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में ‘वंदे मातरम’ अनिवार्य होगा, इसमें मदरसे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी भारतीय हैं और उन्हें भी राष्ट्रगीत गाने का हक है। यह कदम देश की एकता और अखंडता को मजबूत करेगा। डॉ. व्यस्त ने अपील की कि मदरसा संचालक इस फैसले का स्वागत करें और बच्चों को गीत सिखाएं।

कार्यक्रम में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम’ गाया, जिससे पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो गया। डॉ. व्यस्त ने बच्चों से बातचीत की और उन्हें गीत का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि यह गीत सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

युवाओं को इतिहास से जोड़ने की मुहिम

डॉ. व्यस्त ने बताया कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ गीत गवाना नहीं, बल्कि युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम की कहानियां सिखाना है। ‘वंदे मातरम’ के जरिए बच्चे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और हजारों क्रांतिकारियों की कुर्बानियों को जानेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों में अब हर सुबह प्रार्थना सभा में ‘वंदे मातरम’ गाया जाएगा। मदरसों में भी यही नियम लागू होगा, ताकि कोई भेदभाव न रहे।

एमएलसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की और कहा कि यह फैसला देशभक्ति की नई क्रांति की शुरुआत है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे बच्चों को गीत का सही उच्चारण और अर्थ समझाएं। डॉ. व्यस्त ने कहा कि आने वाली पीढ़ी ‘वंदे मातरम’ को सिर्फ गीत नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बनाएगी।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि ‘वंदे मातरम’ हर भारतीय की पहचान है। मदरसों से लेकर आईआईटी तक, हर जगह यह गूंजेगा। उन्होंने युवाओं से कहा कि इस गीत को गाते समय गर्व महसूस करें, क्योंकि यही हमारी आजादी की नींव है।

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