हर साल 8 सितंबर को मनाया जाने वाला international literacy day सिर्फ किताबें पढ़ने की बात नहीं करता। ये दिन हमें याद दिलाता है कि साक्षरता का मतलब है जिंदगी को बेहतर तरीके से समझना और जीना। इस बार का फोकस है हेल्थ लिटरेसी पर – यानी स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी को समझने और इस्तेमाल करने की कला। कल्पना कीजिए, अगर आप दवा की पैकेजिंग पढ़कर ही समझ लें कि क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, तो कितना फायदा होगा ना? UNESCO के मुताबिक, दुनिया भर में करोड़ों लोग स्वास्थ्य जानकारी की कमी से जूझ रहे हैं, जो बीमारियों को और बढ़ा देती है। भारत में भी ये समस्या बड़ी है, जहां ग्रामीण इलाकों में लोग अक्सर गलत इलाज का शिकार हो जाते हैं।
हेल्थ लिटरेसी क्यों है इतनी जरूरी?हेल्थ लिटरेसी सिर्फ डॉक्टर की सलाह मान लेना नहीं, बल्कि खुद से फैसले लेना है। सोचिए, अगर आप अपनी रिपोर्ट कार्ड को ठीक से समझ सकें, तो अनावश्यक टेंशन से बच सकते हैं। WHO की रिपोर्ट कहती है कि अच्छी हेल्थ लिटरेसी वाले लोग कम बीमार पड़ते हैं और मेडिकल खर्च भी 30% तक कम होता है। खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए ये जानलेवा हो सकता है – जैसे प्रेग्नेंसी के दौरान सही न्यूट्रिशन न समझने से जटिलताएं बढ़ जाती हैं। महामारी के समय तो ये और साफ हो गया कि फेक न्यूज से बचकर सही जानकारी लेना कितना क्रिटिकल है। बिना हेल्थ लिटरेसी के, हम डॉक्टरों पर पूरी तरह निर्भर हो जाते हैं, जो हमेशा संभव नहीं होता। इसलिए, ये स्किल हर उम्र के लिए बेसिक जरूरत बन गई है।
डिजिटल टूल्स से हेल्थ लिटरेसी कैसे बढ़ाएं?अब सवाल ये कि इसे कैसे सीखें? अच्छी खबर ये है कि डिजिटल दुनिया आपके हाथ में है! सबसे आसान तरीका है हेल्थ ऐप्स जैसे MyFitnessPal या Practo, जो दवाओं की डोज से लेकर डाइट प्लान तक सब सिखाते हैं। वीडियो प्लेटफॉर्म्स पर YouTube चैनल्स जैसे Healthline Hindi या सरकारी हेल्थ चैनल्स से फ्री ट्यूटोरियल्स मिल जाते हैं – बस सर्च करें ‘हेल्थ टिप्स हिंदी में’। ऑनलाइन कोर्सेस के लिए Coursera या Khan Academy पर फ्री मॉड्यूल्स हैं, जो सरल भाषा में हेल्थ टर्म्स एक्सप्लेन करते हैं। सोशल मीडिया पर WHO या मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के पेज फॉलो करें, जहां इन्फोग्राफिक्स और क्विज से सीखना मजेदार हो जाता है। याद रखें, हमेशा विश्वसनीय सोर्स चुनें, क्योंकि गूगल पर हर चीज सही नहीं होती। रोज 10-15 मिनट प्रैक्टिस करें, और देखिए कैसे आपका कॉन्फिडेंस लेवल ऊपर चढ़ता चला जाएगा।
आगे का सफर: साक्षरता से सशक्त जीवनअंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमें चेतावनी देता है कि हेल्थ लिटरेसी न होने से स्वास्थ्य सिस्टम पर बोझ बढ़ता है। लेकिन डिजिटल टूल्स ने इसे आसान बना दिया है – बस स्टार्ट करें! अगर आप अभी से सीखना शुरू कर दें, तो न सिर्फ खुद स्वस्थ रहेंगे, बल्कि परिवार को भी सही गाइड कर सकेंगे। तो आज ही एक ऐप डाउनलोड करें और हेल्थ की दुनिया में कदम रखें – ये बदलाव आपकी जिंदगी का बेस्ट डिसीजन साबित होगा।
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