प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान से नवाजे जाने के बाद अपने संबोधन में कहा, नामीबिया का वेल्वित्चिया, जिसके नाम पर यह पुरस्कार रखा गया है, कोई साधारण पौधा नहीं है। यह परिवार के किसी बुजुर्ग सदस्य की तरह है, जिसने समय को गुजरते देखा है। यह नामीबिया के संघर्ष, साहस और संस्कृति का प्रतीक है।
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उन्होंने कहा, यह भारत और नामीबिया के बीच अटूट मित्रता का साक्षी है। मुझे इससे जुड़कर गर्व महसूस हो रहा है। मैं यह सम्मान साथ-साथ प्रगति कर रहे भारत और नामीबिया के लोगों तथा दोनों देशों की मित्रता को समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि भारत और नामीबिया अपनी आजादी के समय से ही एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।
मोदी ने कहा, हमारी दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है और साझा मूल्यों और बेहतर भविष्य के सपनों से जुड़ी हुई है। आने वाले समय में भी हम मिलकर काम करते रहेंगे और विकास के पथ पर साथ-साथ चलते रहेंगे। यह पुरस्कार 1990 में नामीबिया को स्वतंत्रता मिलने के कुछ साल बाद 1995 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य विशिष्ट सेवा और नेतृत्व को मान्यता देना है।
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय नेता हैं। प्रधानमंत्री को यह पुरस्कार प्रदान किया जाना भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है तथा यह दोनों देशों की युवा पीढ़ियों के लिए विशेष द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिहाज से प्रेरणा का स्रोत है।
मई 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पदभार ग्रहण करने के बाद से किसी विदेशी सरकार द्वारा उन्हें प्रदान किया गया यह 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। सम्मान के प्रशस्ति पत्र के अनुसार, तकनीकी नवाचार, आर्थिक विकास, सामाजिक और जलवायु न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय कूटनीति द्वारा परिभाषित प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व भारत की सीमाओं से परे है।
इसमें कहा गया है, अफ्रीकी संघ के साथ प्रधानमंत्री मोदी का निरंतर जुड़ाव दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रति ईमानदार प्रतिबद्धता को दर्शाता है... उनके कार्यकाल के दौरान, भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है तथा दोनों देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सार्थक योगदान हुआ है।
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मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के आखिरी चरण में नामीबिया में हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की नामीबिया की पहली और भारत से किसी प्रधानमंत्री की तीसरी यात्रा है। इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी और नेटुम्बो नेंडी नदैतवा ने द्विपक्षीय वार्ता की, जिसके बाद दोनों देशों ने ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। (भाषा)
फोटो सौजन्य : टि्वटर/एक्स
Edited By : Chetan Gour
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